Tuesday, 22 May 2012

547_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जिस तरह की लगन प्रेमी अपनी प्रेमिका में रखता है ठीक ऐसी ही लगन, ऐसी ही प्रीति अगर प्रभु चरणों में हो जाये तो आदमी प्रतीति से निकलकर प्राप्ति रूप परमात्मा में स्थिर हो सकता है
Pujya Asharam Ji Bapu

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