Monday, 14 May 2012

509_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

प्रिय आत्मन् ! न तेरा पहले जन्म था न वर्त्तमान में है और न आगे होगा। यदि क्षणमात्र के लिए अपने आसन से हटेगा, अपने आपको स्वरूप में स्थित न मानेगा, प्रमाद करेगा तो वही प्रमाद विस्तीर्ण जगत हो भासेगा।
 Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...