Saturday, 19 May 2012

531_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्।।
'जो अनन्य भाव से मेरे में स्थित हुए भक्तजन मुझ  परमेश्वर को निरंतर चिंतन करते हुए निष्कामभाव से भजते हैं, उन नित्य एकीभाव से मेरे में स्थितिवाले पुरुषों का योगक्षेम मैं स्वयं वहन करता हूँ।'
(गीताः 9.22)

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