461_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
आत्मा
का सुख अपनी बुद्धि
का प्रसाद मिलने
से, बुद्धि
निर्मल होने से,
रजो तमोगुण के
मल से रहित होने
से उत्पन्न होता
है । आत्मा का सुख
विषयों के संग
से उत्पन्न नहीं
होता और निद्रा
या आलस्य से नहीं
मिलता ।
Pujya Asharam Ji Bapu
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