546_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
सदगुरु से प्राप्त मंत्र का ठीक प्रकार से, विधि एवं अर्थसहित, प्रेमपूर्ण हृदय से जप किया जाय तो क्या नहीं हो सकता?
मंत्र ऐसा साधन है कि हमारे भीतर सोयी हुई चेतना को वह जगा देता है, हमारी महानता को प्रकट कर देता है, हमारी सुषुप्त शक्तियों को विकसित कर देता है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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