Tuesday, 8 May 2012

471_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जो चीज मिलती है उसका सदुपयोग नहीं होता तो दुबारा वह चीज नहीं मिलती। मानव देह मिली, बुद्धि मिली और उसका सदुपयोग नहीं किया, सुख-दुःख की लपटों में स्वाहा हो गये तो दुबारा मानव देह नहीं मिलेगी। इसीलिए तुलसीदास जी कहते हैं-
जौ न तरै भवसागर नर समाज अस पाई।
सो कृत निन्दक मन्दमति आतमहन अधोगति जाई।
Pujya Asharam Ji Bapu 

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