विघ्न,
बाधाएँ, दुःख,
संघर्ष, विरोध
आते हैं वे तुम्हारी
भीतर की शक्ति
जगाने कि लिए
आते है। जिस
पेड़ ने
आँधी-तूफान
नहीं सहे उस
पेड़ की जड़ें
जमीन के भीतर
मजबूत नहीं
होंगी। जिस
पेड़ ने जितने
अधिक आँधी
तूफान सहे और
खड़ा रहा है
उतनी ही उसकी
नींव मजबूत है।
ऐसे ही दुःख,
अपमान, विरोध
आयें तो ईश्वर
का सहारा लेकर
अपने ज्ञान की
नींव मजबूत
करते जाना
चाहिए। दुःख,
विघ्न, बाधाएँ
इसलिए आती हैं
कि तुम्हारे
ज्ञान की
जड़ें गहरी
जायें। लेकिन
हम लोग डर
जाते है।
ज्ञान के मूल
को उखाड़ देते
हैं।
Pujya Asharam Ji Bapu
Pujya Asharam Ji Bapu
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