आँखें बंद करके ध्यान करें। बाद में गहरा श्वास लेकर थोड़ी देर अंदर रोक रखें, फिर हरि ॐ..... दीर्घ उच्चारण करते हुए श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें।
इससे मन शाँत रहता है, एकाग्रता व स्मरणशक्ति बढ़ती है, बुद्धि सूक्ष्म होती है, शरीर निरोग रहता है, सभी दुःख दूर होते हैं, परम शाँति का अनुभव होता है और परमात्मा के साथ संबंध स्थापित किया जा सकता है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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