456_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जितनी देर
हो सके उतनी
देर शान्त
बैठे रहो।
तुम्हारे
श्वास की गति
मन्द होती चली
जायेगी,
सत्त्वगुण
बढ़ता जायगा।
संकल्प फलित होने
लगेंगे।
ध्यान
करते-करते
श्वास की
लंबाई कम हो जाय,
बारह उंगल के
बदले दस उंगल
हो जाय तो
तुम्हें
दादुरी आदि
सिद्धियाँ
प्राप्त होने
लगती हैं, नौ
उंगल तक श्वास
चलने लगे तो
थोड़ा-सा ही
निहारने
मात्र से
शास्त्रों के
रहस्य समझने
लग जाओगे। आठ
उंगल तक श्वास
की लम्बाई रह
जाय तो तुम
देवताओं की
मसलत को जानने
लग जाओगे।
दूसरों के
चित्त को पढ़
लो ऐसी योग्यता
निखरने लगती
है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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