निरीक्षण
करो कि किन किन
कारणों से उन्नति
नहीं हो रही है
। उन्हें दूर करो
। बार बार उन्हीं
दोषों की पुनरावृत्ति
करना उचित नहीं।
अगर देखभाल नहीं
करोगे तो उम्र
यूँ ही बीत जायेगी
परंतु बननेवाली
बात नहीं बनेगी।
जितना चलना
चाहिए उतना चलना
होगा, जितना
चल सकते हो उतना
नहीं। आशिक नींद
में ग्रस्त नहीं
होते। व्याकुल
ह्रदय से तड़पते
हुए प्रतिक्षा
करते हैं। सदा
जागृत रहते हैं।
सदा ही सावधान
रहा करते हैं।
Pujya Asharam Ji Bapu
Pujya Asharam Ji Bapu
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