507_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
सदा सम रहने
की तपस्या के
आगे बाकी की
सब तपस्याएँ
छोटी हो जाती
हैं। सदा
प्रसन्न रहने
की कुंजी के
आगे बाकी की
सब कुंजियाँ
छोटी हो जाती
हैं। आत्मज्ञान
के आगे और सब
ज्ञान छोटे रह
जाते हैं।
इसलिए दुनिया
में हर इज्जत
वाले से ब्रह्मवेत्ता
की ऊँची इज्जत
होती है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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