571_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
आदमी में चतुराई तो है लेकिन वह चतुराई से ठगी करके ऐश-आराम पाना चाहता है, सुखी होना चाहता है और सुख के बदले में दुःख-दर्द पैदा कर लेता है। सच्ची चतुराई तो यह है कि वह प्राप्ति में टिक जाय, अन्दर के आत्मरस में टिक जाय।
Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.