Monday 26 March 2012

346_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जो एक से राग करता है, वह दूसरे से द्वेष करेगा। जो किसी से राग नहीं करता है, वह किसी से द्वेष भी नहीं करेगा। वह परम प्रेमी होता है। वह जीवन्मुक्त होता है। न प्रलय है, न उत्पत्ति है, न बद्ध है, न साधक है, न मुमुक्षु है और न मुक्त ही है। यही परमार्थ है।
 Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...