Friday, 16 March 2012

310_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध।
तुलसी सत्संग साध की, हरे कोटि अपराध।।
जो चार कदम चलकर ब्रह्मज्ञान के सत्संग में जाता है, तो यमराज की भी ताकत नहीं उसे हाथ लगाने की। ब्रह्मज्ञान का सत्संग-श्रवण इतना महान है !
ऐसा सत्संग सुनने से पाप-ताप कम हो जाते हैं। पाप करने की रूचि भी कम हो जाती है। सत्संग से बल बढ़ता है। सारी दुर्बलताएँ दूर होने लगती हैं।
Pujya asharam ji bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...