परिस्थिति जितनी कठिन होती है, वातावरण जितना पीड़ाकारक होता है, उससे गुजरने वाला उतना ही बलवान बन जाता है | अतः बाह्य कष्टों और चिन्ताओं का स्वागत करो | ऐसी परिस्थिति में भी वेदान्त को आचरण में लाओ | जब आप वेदान्ती जीवन व्यतीत करेंगे तब देखेंगे कि समस्त वातावरण और परिस्थितियाँ आपके वश में हो रही हैं, आपके लिये उपयोगी सिद्ध हो रही हैं |
Pujya Asharam Ji Bapu
Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.