Saturday, 17 March 2012

318_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

 राग-द्वेष की निवृति का क्या उपाय है ? उपाय यही है कि सारे जगत-प्रपंच को मनोराज्य समझो | निन्दा-स्तुति से, राग-द्वष से प्रपंच में सत्यता दृढ़ होती है |
Pujya Asharam Ji Bapu

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