332_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
तुम्हारी जितनी घड़ियाँ परमात्मा के ध्यान में बीत जायें वे सार्थक हैं। जितनी देर मौन हो जायें वह कल्याणप्रद है। श्वास की गति जितनी देर धीमी हो जाय वह हितावह है, मंगलकारी है। Pujya Asharam Ji Bapu
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