-Pujya Asharam Ji Bapu
Sunday 30 June 2013
1140_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
-Pujya Asharam Ji Bapu
Saturday 29 June 2013
1139_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
-Pujya Asharam Ji Bapu
Friday 28 June 2013
Thursday 27 June 2013
Wednesday 26 June 2013
Monday 24 June 2013
Wednesday 19 June 2013
Tuesday 18 June 2013
Monday 17 June 2013
1130_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
सबका मंगल सबका भला हो
"गुरु बिन भवनिधि तरहिं ना कोई
जो बिरंचि शंकर सम होई"
सबका मंगल सबका भला हो, गुरु चाहना ऐसी है ।
इसीलिए तो आये धरा पर, सदगुरु आसारामजी हैं ॥
भारत का नया रूप बनाने, विश्व गुरु के पद पे बिठाने ।
योग सिद्धि के खोले खजाने, ज्ञान के झरने फिर से बहाने ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
युवा धन को ऊपर उठाने, यौवन संयम पाठ सिखाने ।
जन-जन भक्ति शक्ति जगाने, निकल पड़े गुरु राम निराले ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
इक-इक बच्ची शबरी सी हो, मीरा जैसी योगिनी हो ।
सती अनुसूया सती सीता हो, मुख पर तेज माँ शक्ति का हो ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
नर-नर में नारायण दर्शन, सेवा कर फल प्रभु को अर्पण ।
दीन-दुखी को गले लगायें, सब का भला हो मन से गायें ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
जो बिरंचि शंकर सम होई"
सबका मंगल सबका भला हो, गुरु चाहना ऐसी है ।
इसीलिए तो आये धरा पर, सदगुरु आसारामजी हैं ॥
भारत का नया रूप बनाने, विश्व गुरु के पद पे बिठाने ।
योग सिद्धि के खोले खजाने, ज्ञान के झरने फिर से बहाने ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
युवा धन को ऊपर उठाने, यौवन संयम पाठ सिखाने ।
जन-जन भक्ति शक्ति जगाने, निकल पड़े गुरु राम निराले ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
इक-इक बच्ची शबरी सी हो, मीरा जैसी योगिनी हो ।
सती अनुसूया सती सीता हो, मुख पर तेज माँ शक्ति का हो ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
नर-नर में नारायण दर्शन, सेवा कर फल प्रभु को अर्पण ।
दीन-दुखी को गले लगायें, सब का भला हो मन से गायें ॥
सबका मंगल सबका भला हो...................
1129_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
ब्रह्माकार
वृत्ति में
स्थित हुए
महात्माओं के
दर्शन की
महिमा का
वर्णन करते
हुए संत कबीर
ने कहा हैः
अलख
पुरुष की आरसी
साधु का ही
देह।
लखा
जो चाहे अलख
को इन्हीं में
तू लख ले।।
'परमात्मा
के साथ एकरूप
हो गये
ब्रह्म-साक्षात्कारी
महापुरुष की
देह एक दर्पण
के समान है, जिसमें
आप अलख पुरुष
(परमात्मा) के
दर्शन कर सकते
हो।'
गुरु नानक
जी ने भी संतो
की महिमा का
वर्णन करते
हुए कहा हैः
संत
की महिमा वेद
न जाने।
जेता
जाने तेता
बखाने।।
संसार का
सच्चा कल्याण
संतों के
द्वारा ही हो सकता
है। ऐसे
महापुरुषों
का पूरा जीवन
ही 'बहुजनहिता
बहुजनसुखाय' होता
है।-Pujya Asharam Ji Bapu
Sunday 16 June 2013
Saturday 15 June 2013
Friday 14 June 2013
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