Wednesday 30 September 2015

1328_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




गुरूभक्तियोग में शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक- हर प्रकार के अनुशासन का समावेश हो जाता है। इससे मनुष्य आत्पप्रभुत्व पा सकता है एवं आत्म-साक्षात्कार कर सकता है।

Guru-Bhakti Yoga includes every discipline, physical, mental, moral and spiritual which leads to Self-mastery and Self-realisation.

  - Sri Swami Sivananda

Guru  Bhakti Yog, Sant Shri Asharamji Ashram

Tuesday 29 September 2015

1327_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




नम्रतापूर्वक पूज्यश्री सदगुरू के पदारविन्द के पास जाओ। सदगुरू के जीवनदायी चरणों में साष्टांग प्रणाम करो। सदगुरू के चरणकमल की शरण में जाओ। सदगुरू के पावन चरणों की पूजा करो। सदगुरू के पावन चरणों का ध्यान करो। सदगुरू के पावन चरणों में मूल्यवान अर्घ्य अर्पण करो। सदगुरू के यशःकारी चरणों की सेवा में जीवन अर्पण करो। सदगुरू के दैवी चरणों की धूलि बन जाओ। ऐसा गुरूभक्त हठयोगी, लययोगी और राजयोगियों से ज्यादा सरलतापूर्वक एवं सलामत रीति से सत्य स्वरूप का साक्षात्कार करके धन्य हो जाता है

GURU-BHAKTI YOGA

By - Sri Swami Sivananda


1326_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

>>>> निर्भय रहो<<<<

निन्दा और अपमान की परवाह न करें। निर्भय रहें। प्रसन्न रहें। अपने मार्ग पर आगे
बढ़ते रहें। जो डरता है उसी को दुनिया डराती हैं। यदि आपमें डर नहीं है, आप
निर्भय हैं तो काल भी आपका बाल बाँका नहीं कर सकता। जो आत्मदेव में श्रद्धा
रखकर निर्भयता से व्यवहार करता है वह सफलतापूर्वक आगे बढ़ता जाता है।


 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Sunday 27 September 2015

1325_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




सेवा करने वाला सामने वाले के गुणदोष देखेगा तो सेवा नहीं कर पायेगा। यज्ञार्थ कर्म करते जाओ। अपना कर्त्तव्य निभाते जाओ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday 26 September 2015

1324_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




ज्ञान के कठिनमार्ग पर चलते वक्त आपके सामने जब भारी कष्ट एवं दुख आयें तब आप उसे सुख समझो क्योंकि इस मार्ग में कष्ट एवं दुख ही नित्यानंद प्राप्त करने में निमित्त बनते है । अतः उन कष्टों, दुखों और आघातों से किसी भी प्रकार साहसहीन मत बनो, निराश मत बनो । सदैव आगे बढ़ते रहो । जब तक अपने सत्यस्वरूप को यथार्थ रूप से न जान लो, तब तक रुको नहीं ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday 25 September 2015

1323_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



भोग प्रारम्भ में तो सुखद लगते हैं लेकिन बाद में उनका परिणाम दुःखद आता है। योग शुरू में जरा परिश्रमवाला लगता है लेकिन बाद में अमृत जैसा अमरफल दे देता है।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Thursday 24 September 2015

1321_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




बनता बिगड़ता तुम्हारा शरीर है, बनता बिगड़ता तुम्हारा मन है, बनता बिगड़ता तुम्हारा भाव है लेकिन तुम्हारा स्वरूप, तुम्हारा आत्मा कभी बनता बिगड़ता नहीं।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday 23 September 2015

1320_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

मन को छूट दे दोगे कि ʹजरा चखने में क्या जाता है.... जरा देखने में क्या जाता है...ʹ ऐसे जरा-जरा करने में मन कब पूरा घसीटकर ले जाता है, पता भी नहीं चलता है। इसलिए मन को जरा भी छूट मत दो। अपने रक्षक आप बनो।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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