428_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
अन्तःकरण की प्रसन्नता होने पर इसके सम्पूर्ण दुःखों का अभाव हो जाता है और उस प्रसन्न चित्तवाले योगी की बुद्धि शीघ्र ही सब ओर से हटकर एक परमात्मा में ही भली भाँति स्थिर हो जाती है।
Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.