Sunday 22 April 2012

401_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

संसार में केवल एक ही रोग है | ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या - इस वेदांतिक नियम का भंग ही सर्व व्याधियों का मूल है | वह कभी एक दुख का रूप लेता है तो कभी दूसरे दुख का | इन सर्व व्याधियों की एक ही दवा है : अपने वास्तविक स्वरूप ब्रह्मत्व में जाग जाना |
 Pujya Asharam Ji Bapu

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