419_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
'जो एक बार भी मेरी शरण में आकर 'मैं तुम्हारा हूँ' ऐसा कहकर रक्षा की याचना करता है, उसे मैं सम्पूर्ण प्राणियों से अभय कर देता हूँ – यह मेरा व्रत है।' वाल्मीकि रामायण (6.18.33)
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