Monday, 16 April 2012

365_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

हम देह  में रहते हुए भी विदेही आत्मा हैं। हम चैतन्य हैं। जो कबीर में गुनगुनाया था, जो श्रीकृष्ण में मुस्कराया था, जो रामदास में चमका था, जो रामकृष्ण में ध्यान का रस टपका रहा था वही आत्मा हमारे पास है।
Pujya Asharam Ji Bapu

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