361_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
गुरुसेवा रूपी तीक्षण तलवार और ध्यान की सहायता से शिष्य मन, वचन, प्राण और देह के अहंकार को छेद देता है और सब रागद्वेष से मुक्त होकर इस संसार में स्वेच्छापूर्वक विहार करता है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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