याद रखो : आपके अंतःकरण में स्वास्थय, सुख, आनंद और शान्ति ईश्वरीय वरदान के रूप में विद्यमान है | अपने अंतःकरण की आवाज़ सुनकर निशंक जीवन व्यतीत करो | मन में से कल्पित रोग के विचारों को निकाल दो | प्रत्येक विचार, भाव, शब्द और कार्य को ईश्वरीय शक्ति से परिपूर्ण रखो | ॐकार का सतत गुंजन करो |
Pujya asharam ji bapu
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