Wednesday, 1 February 2012

185_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

"..... ईश्वर किसी मत, पंथ, मजहब की दीवारों में सीमित नहीं है। वेदान्त की दृष्टि से वह प्राणिमात्र के हृदय में और अनन्त ब्रह्माण्डों में व्याप रहा है। केवल प्रतीति होने वाली मिथ्या वस्तुओं का आकर्षण कम होते ही साधक उस सदा प्राप्त ईश्वर को पा लेता है।"
Pujya asharam ji bapu 

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