Saturday 18 February 2012

235_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जानामि धर्मं न च मे प्रवृत्तिः। जानाम्यधर्मं न च मे निवृत्तिः।
हम धर्म जानते हैं लेकिन उस धर्म में हमारी प्रवृत्ति नहीं हो रही है। हम अधर्म को जानते हैं लेकिन उस अधर्म से हमारी निवृत्ति नहीं हो रही है। हम जानते हैं कि यह अच्छा नहीं है फिर भी उसमें फँसे रहते हैं। हम जानते हैं कि यह अच्छा है लेकिन उसमें हमारी प्रवृत्ति नहीं हो पाती।
Pujya asharam ji bapu 

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