साधू संग संसार में, दुर्लभ मनुष्य शरीर ।
सत्संग सवित तत्व है, त्रिविध ताप की पीर।।|
मानव-देह मिलना दुर्लभ है और मिल भी जाय तो आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक ये तीन ताप मनुष्य को तपाते रहते है । किंतु मनुष्य-देह में भी पवित्रता हो, सच्चाई हो, शुद्धता हो और साधु-संग मिल जाय तो ये त्रिविध ताप मिट जाते हैं ।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.