ब्रहम गिआनी का दरसु बडभागी पाईये।
ब्रहम गिआनी कउ बलि बलि जाईये।
ब्रहम गिआनी की मिति कउनु बखानै।
ब्रहम गिआनी की गति ब्रहम गिआनी जानै।
चारि पदारथ जे को मागै। साध जना की सेवा लागै।
जे को आपुना दूखु मिटावै। हरि हरि नामु रिदै सद गावै।
जे को जनम मरण ते डरै। साध जना की सरनी परै।
(सुखमनी साहिब)
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