अरे ! विश्वनियंता तुम्हारे साथ है और तुम काँप रहे हो ? विश्वेश्वर सदा साथ है और तुम चिन्तित हो रहे तो बड़े शर्म की बात है। दुःख और चिन्ता में तो वे डूबें जिनके माई-बाप मर गये हों। तुम्हारे माई-बाप तो हृदय की हर धड़कन में तुम्हारे साथ हैं। फिर क्यों दुःखी होते हो ? क्यों चिन्तिन होते हो ? क्यों भयभीत होते हो ?
Pujya asharam ji bapu
Pujya asharam ji bapu
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