करो हिम्मत......! मारो छलांग.....! कब तक गिड़गिड़ाते रहोगे ? हे भोले महेश ! तुम अपनी महिमा में जागो। कोई कठिन बात नहीं है। अपने साम्राज्य को संभालो। फिर तुम्हें संसार और संसार की उपलब्धियाँ, स्वर्ग और स्वर्ग के सुख तुम्हारे कृपाकांक्षी महसूस होंगे। तुम इतने महान हो। तुम्हारा यश वेद भी नहीं गा सकते। कब तक इस देह की कैद में पड़े रहोगे ?
ॐ.....! ॐ.....!! ॐ.......!!!Pujya asharam ji bapu
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