संगी साथी चले गये सारे कोई न निभियो साथ।
कह नानक इह विपत में टेक एक रघुनाथ।।
जब भगवान के सिवाय सब बेकार लगे तो समझो कि वह पहली भूमिका पर पहुँचा है । उसके लिए विघ्न-बाधाएँ साधन बन जाएँगी । विघ्न-बाधाएँ जीवन का संगीत है । विघ्न-बाधाएँ नहीं आयें तो संगीत छिड़ेगा नहीं ।
Pujya asharam ji bapu
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