993_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
वासना-तृप्ति
के लिए जो
कर्म किया
जाता है वह कर्त्ता
को बाँधता है।
वासना-निवृत्ति
के लिए जो
यज्ञार्थ
कर्म किये
जाते हैं वे
कर्त्ता को
मुक्त स्वभाव
में जगा देते
हैं। -Pujya Asharam Ji Bapu
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