954_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
आध्यात्मिक
मार्ग में
देखा जाए तो
तुम्हारे शत्रु
वास्तव में
तुम्हारे
शत्रु नहीं
हैं। बाहर से
मित्र दिखते
हुए मित्र
तुम्हारे
गहरे शत्रु
हैं। वे तुम्हारा
समय खा जाते
हैं और
तुम्हारी
आध्यात्मिक
पूँजी चूस
लेते हैं,
तुमको भी पता
नहीं चलता।
उनको भी पता
नहीं होता कि
हम अपने मित्र
की आध्यात्मिक
पूँजी बरबाद
कर रहे है।
-Pujya Asharam Ji Bapu
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