Thursday, 13 December 2012

965_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

संतों का कहना है, महापुरूषों का यह अनुभव है कि निर्विकारी समाधि में आनंद का प्राकट्य हो सकता है परंतु आनंदस्वरूप प्रभु का पोषण तो प्रेमाभक्ति के सिवाय कहीं नहीं हो सकता।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

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