'हमारा
क्या.....?
जो करेगा सो
भरेगा...'
ऐसी कायरता
प्रायः
भगतड़ों में आ
जाती है। ऐसे
लोग भक्त नहीं
कहे जाते,
भगतड़े कहे
जाते हैं।
भक्त तो वह है
जो संसार में
रहते हुए,
माया में रहते
हुए माया से
पार रहे।
भगत
जगत को ठगत है
भगत को ठगे न
कोई।
एक
बार जो भगत
ठगे अखण्ड
यज्ञ फल होई।।
भक्त उसका
नाम नहीं जो
भागता रहे।
भक्त उसका नाम
नहीं जो कायर
हो जाय। भक्त
उसका नाम नहीं
जो मार खाता
रहे।
-Pujya Asharam Ji Bapu
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