981_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
हाथ-से-हाथ
मसलकर, दाँत-से-दाँत
भींचकर, कमर कसकर, छाती में प्राण
भरकर जोर लगाओ
और मन की दासता
को कुचल डालो,
बेड़ियाँ तोड़ फेंको
। सदैव के लिए इसके
शिकंजे में से
निकलकर इसके स्वामी
बन जाओ ।
-Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.