Thursday, 18 October 2012

866_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

निर्भयता, अहिंसा, सत्य, अक्रोध, आचार्य-उपासना, सहिष्णुता आदि सभी दैवी गुणों के विकास के लिए ब्रह्मचर्य, प्राकृतिक-वातावरण, सात्त्विक भोजन मददरूप होते हैं और इनसे जीवनशक्ति का विकास भी होता है।
-Pujya asharam ji bapu

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