866_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
निर्भयता,
अहिंसा, सत्य,
अक्रोध,
आचार्य-उपासना,
सहिष्णुता
आदि सभी दैवी
गुणों के
विकास के लिए
ब्रह्मचर्य,
प्राकृतिक-वातावरण,
सात्त्विक
भोजन मददरूप
होते हैं और
इनसे
जीवनशक्ति का
विकास भी होता
है।
-Pujya asharam ji bapu
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