सबका मंगल, सबका भला हो…
अगर आपके मन में किसी के लिए बुरे विचार आते हैं, तो सामनेवाले का अहित हो या न हो परंतु आपका अंत:करण जरुर मलिन हो जायेगा । फलस्वरूप मन में अशांति उत्पन्न होगी जो सब दु:खों का कारण है ।
यदि आपके मन में किसीके प्रति ईर्ष्या होती है, तो उसके पास जाकर कह दें कि “मुझे माफ करें, आपको देखकर मुझे ईर्ष्या होती है । आप भी प्रार्थना करें और मैं भी प्रार्थना करुँ ताकि आपके प्रति मेरी ईर्ष्या मिट जाय |”
-Pujya asharam ji bapu
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