पुण्य
संचय व ईश्वर
की कृपा का
फलः
ब्रह्मज्ञान
का दिव्य
सत्संग
"ईश्वर
की कृपा होती
है तो मनुष्य
जन्म मिलता है।
ईश्वर की
अतिशय कृपा
होती है तो
मुमुक्षत्व
का उदय होता
है परन्तु जब
अपने
पूर्वजन्मों के
पुण्य इकट्ठे
होते हैं और
ईश्वर की परम
कृपा होती है
तब ऐसा
ब्रह्मज्ञान
का दिव्य
सत्संग सुनने
को मिलता है,
जैसा
पूज्यपाद बापूजी
के श्रीमुख से
आपको यहाँ
सुनने को मिल
रहा है।"-Pujya asharam ji bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.