आत्मा की
सत्यता का
अनुभव हो जाये
तो ऐसा कोई आदमी
नहीं जो दुःख
खोजे और उसे
दुःख मिल जाय । ऐसा
कोई आदमी नहीं
जो मुक्त न
हो। अपने आत्मा
की अनुभूति हो
जाय तो फिर
आपको दुःख
नहीं होगा,
आपके संपर्क
में आने वाले
लोग भी
निर्दुःख
जीवन जीने के
मार्ग पर आगे
कूच कर सकते
हैं।
-Pujya asharam ji bapu
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