तुच्छ
अपेक्षाओं से
ऊपर उठो। तुम
भारतवासी हो,
मनुष्य जन्म
पाया है,
श्रद्धा है,
बुद्धि है, फिर
क्यों चिन्ता
करते हो ? मारो
छलांग.....!
जो होगा वह
देखा जाएगा।
छोटी-छोटी
अपेक्षाओं को
कुचल डालो।
अन्यथा, ये
अपेक्षाएँ
तुम्हारा समय,
तुम्हारी
निगाहों की
शक्ति,
तुम्हारे कानों
की शक्ति,
तुम्हारी
वाणी की
शक्ति, तुम्हारे
मनन की शक्ति
छीन लेगी।
-Pujya asharam ji bapu
-Pujya asharam ji bapu
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