Saturday 27 October 2012

883_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

क्रिया में बन्धन नहीं होता, क्रिया के भाव में बन्धन और मुक्ति निर्भर है। कर्म में बन्धन और मुक्ति नहीं, कर्त्ता के भाव में बन्धन और मुक्ति है। कर्त्ता किस भाव से कर्म कर रहा है ? राग से प्रेरित होकर कर रहा है ? द्वेष से प्रेरित होकर कर रहा है ? वासना से प्रेरित होकर कर रहा है ? .....कि परमात्मा-स्नेह से कर रहा है ?
-Pujya asharam ji bapu

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