80_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
'जो पुरूष ॐ इस एक अक्षर रूप ब्रह्म को उच्चारण करता हुआ और उसके अर्थस्वरूप मुझ निर्गुण ब्रह्म का चिन्तन करता हुआ शरीर को त्याग कर जाता है वह पुरूष परम गति को प्राप्त होता है।'
(भगवद् गीताः 8.13)
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