तुम हीन नहीं हो। तुम सर्व हो; पूज्य भगवान हो। तुम हीन नहीं हो, तुम निर्बल नहीं हो, सर्वशक्तिमान हो। भगवान का अनन्त बल तुम्हारी सहायता के लिए प्रस्तुत है। तुम विचार करो और हीनता को, मिथ्या संस्कारों को मारकर महान बन जाओ। ॐ...! ॐ.....! ॐ......! दुनिया मेरा संकल्प है, इसके सिवाय कुछ नहीं। इसमें जरा भी सन्देह नहीं। स्थावर-जंगम जगत के हम पिता हैं। हम उसके पूज्य और श्रेष्ठ गुरु हैं। सब संसार मनुष्य के आश्रय है और मनुष्य एक विशाल वन है। आत्मा सबके भीतर बसती है।
Pujya asharam ji bapu :-
Pujya asharam ji bapu :-
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