एक सामान्य व्यक्ति जब दुर्बल जीवन-शक्ति वाले लोगों के संपर्क में आत है तो उसकी जीवनशक्ति कम होती है और अपने से विकसित जीवन-शक्तिवाले के संपर्क से उसकी जीवनशक्ति बढ़ती है। कोई व्यक्ति अपनी जीवन-शक्ति का विकास करे तो उसके सम्पर्क में आने वाले लोगों की जीवन-शक्ति भी बढ़ती है और वह अपनी जीवन-शक्ति का ह्रास कर बैठे तो और लोगों के लिए भी समस्या खड़ी कर देता है।
तिरस्कार व निन्दा के शब्द बोलने वाले की शक्ति का ह्रास होता है। उत्साहवर्धक प्रेमयुक्त वचन बोलने वाले की जीवनशक्ति बढ़ती है।
Pujya asharam ji bapu :-
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