55_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जिसका मन अन्तर्मुख हो जाता है, वह चित्त थकान को त्याग कर आत्मविश्रान्ति का स्वाद लेता है। तुम जितना समाहित चित्त होते जाओगे, उतना जगत तुम्हारे चरणों के नीचे आता जायेगा।
Pujya asharam ji bapu:-
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