Sunday 11 December 2011

42_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कर सत्संग अभी से प्यारे, नहीं तो फिर पछताना है।
खिला पिलाकर देह बढ़ायी, वह भी अगन जलाना है।
पड़ा रहेगा माल खजाना, छोड़ त्रिया सुत जाना है।
कर सत्संग....
नाम दीवाना दाम दीवाना, चाम दीवाना कोई।
धन्य धन्य जो राम दीवाना, बनो दीवाना सोई।।
नाम दीवाना नाम न पायो, दाम दीवाना दाम न पायो
चाम दीवाना चामपायो, जुग जुग में भटकायो।।
राम दीवाना राम समायो......
क्यों ठीक है न.... ? करोगे न हिम्मत ? कमर कसोगे ..... ? वीर बनोगे कि नहीं....? आखिरी सत्य तक पहुँचोगे कि नहीं? उठो.... उठो.... शाबाश.... हिम्मत करो। मंजिल पास में ही है। मंजिल दूर नहीं है। अटपटी जरूर है। झटपट समझ में नहीं आती परन्तु याज्ञवल्क्य, शुकदेव, अष्टावक्र जैसे कोई महापुरुष मिल जायें और समझ में आ जा तो जीवन और जन्म-मृत्यु की सारी खटपट मिट जाय।
आनन्द ! आनन्द !! आनन्द !!!
Pujya asharam ji bapu :-

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