हिमालय की तरह दृढ़ होकर अपनी रुकावटों को काटो। यह विश्वास रखो कि जो सोचूँगा वही हो जाऊँगा। सत्यसंक्लप आत्मा तुम्हारे साथ है.... नहीं नहीं, तुम ही सत्यसंकल्प आत्मा हो। उठो, अपनी शक्ति को पहचानो। तमाम शक्तियाँ तुम्हारे साथ हैं। यह ख्याल न करो कि तमाम चीजें पहले इकट्ठी हों, बाद में मैं आगे बढ़ूँ। बल्कि दृढ़ संकल्प करो अपने परम लक्ष्य को हासिल करने का। चीजें अपने-आप तुम्हारे कदम चूमेंगी।
Pujya asharam ji bapu :-
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