बाहर कैसी भी घटना घटी हो, चाहे वह कितनी भी प्रतिकूल लगती हो, परन्तु तुम्हें उससे खिन्न होने की तनिक भी आवश्यकता नहीं, क्योंकि अन्ततोगत्वा होती वह तुम्हारे लाभ के लिए ही है। तुम यदि अपने-आपमें रहो तो तुम्हें मिला हुआ शाप भी तुम्हारे लिए वरदान का काम करेगा। अर्जुन को ऊर्वशी ने वर्ष भर नपुंसक रहने का शाप दिया था परन्तु वह भी अज्ञातवास के समय अर्जुन के लिए वरदान बन गया।
Pujya asharam ji bapu :-
Pujya asharam ji bapu :-
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.